कॉलेज के दिनों की बात है। हमारी क्लास में एक लड़का था — सैयद ग़ुलाम सरवर। वह गप्पें मारने में बहुत होशियार था। झूठ तो ऐसे बोलता था कि छोटे मियाँ गोविंदा भी उसके सामने पानी भरें। उसकी इस क़ाबिलियत को देखते हुए हमने उसे बाक़ायदा मास्टर ऑव फेंकोलजी की मानद उपाधि दे रखी थी। जी हाँ, फेंकोलजी, फेंकोलॉजी नहीं। यानी -logy का उच्चारण होगा लजी, न कि लॉजी जो कि आज की क्लास का विषय भी है कि शब्दों के अंत में आने वाले सफ़िक्स -logy का उच्चारण क्या होगा और क्यों।