साहिब, साहब या साहेब? जब मैंने यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा तो 57% ने साहब को सही बताया। 29% के अनुसार साहिब और 14% के मुताबिक़ साहेब सही है। कुछ साथियों ने एक से अधिक विकल्पों को सही बताया। इनमें से सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
साहिब, साहब या साहेब? जब मैंने यह सवाल फ़ेसबुक पर पूछा तो 57% ने साहब को सही बताया। 29% के अनुसार साहिब और 14% के मुताबिक़ साहेब सही है। कुछ साथियों ने एक से अधिक विकल्पों को सही बताया। इनमें से सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
दर्शक का अर्थ क्या है? देखने वाला या दिखाने वाला? आप सोचेंगे, यह क्या सवाल हुआ? हर कोई जानता है कि दर्शक का अर्थ होता है देखने वाला। मगर मेरा प्रश्न है कि यदि दर्शक का अर्थ केवल देखने वाला है तो फिर संस्कृत और हिंदी के शब्दकोशों में उसका अर्थ दिखाने वाला भी क्यों लिखा हुआ है? इस चर्चा में जानिए, कब दर्शक का अर्थ दिखाने वाला होता है।
शहीद और शहादत के अर्थ तो आप जानते ही होंगे। शहीद यानी वह व्यक्ति जिसने अपने राष्ट्र, देश, समुदाय, विचारधारा या आदर्श के लिए अपनी जान क़ुर्बान कर दी हो और शहादत का अर्थ है उसकी वह क़ुर्बानी। लेकिन शहीद और शहादत का एक और अर्थ है जिसका बलिदान या क़ुर्बानी से कोई लेना-देना नहीं। बल्कि शुरू-शुरू में शहीद और शहादत का यही अर्थ चलता था और आज भी अदालतों में वही अर्थ चलता है। बलिदान का अर्थ तो बाद में आया। क्या था शहीद और शहादत का मूल अर्थ, जानने के लिए आगे पढ़ें।
हर कोई जानता है कि पानी पुल्लिंग है और इसीलिए बोलते हैं – ठंडा पानी। ठंडी पानी कोई नहीं बोलता। लेकिन वही पानी जब जम जाता है तो उसे बर्फ़ कहते हैं। अब यह बर्फ़ पुल्लिंग बोला जाएगा या स्त्रीलिंग? बर्फ़ खाई या बर्फ़ खाया? इसी पर है यह चर्चा। रुचि हो तो आगे पढ़ें।
एक शब्द है अंजलि जो श्रद्धांजलि, गीतांजलि, पुष्पांजलि आदि में आता है। लेकिन यही शब्द जब अकेला आता है किसी के नाम के रूप में तो उसे अंजली लिखा जाता है। ऐसे में किसी के भी मन में प्रश्न उठ सकता है कि अंजलि सही है या अंजली। आज इस क्लास में इसी पर चर्चा की गई है। रुचि हो तो आगे पढ़ें।