कुछ लोगों का शग़ल होता है कि हर महापुरुष की जयंती या पुण्यतिथि पर उनको याद करें, भले ही उन्हें उनके बारे में या उनके विचारों के बारे में रत्तीभर भी पता न हो। इस दौरान वे जिस वाक्य का इस्तेमाल करते हैं, वह है ‘शत-शत नमन’ लेकिन अधिकतर लिखते हैं ‘शत्-शत् नमन’ जो कि ग़लत है। क्यों ग़लत है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
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आज की क्लास एक ऐसी ख़ूबी पर है जो हर इंसान दूसरे में तलाशता है लेकिन जब अपना मौक़ा आता है तो उससे परहेज़ करता दिखता है। यह ख़ूबी है सच के प्रति अपनी निष्ठा की। सवाल बस यह है कि इसे कैसे लिखेंगे या बोलेंगे – सचाई या सच्चाई?
पति कैसे लिखते हैं, आप जानते होंगे। लेकिन जब उसके आगे लख (लाख का छोटा रूप) आ जाता है तो लखपति होगा या लखपती? जब इसपर फ़ेसबुक पर एक पोल किया गया तो क़रीब तीन-चौथाई ने कहा – लखपति, एक-चौथाई ने कहा – लखपती। सही क्या है और क्यों है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
दक्षिण भारत के एक सांसद हैं जो जीवन में बहुत ही महत्वकांक्षी रहे हालाँकि उनकी महत्वकांक्षा पूरी नहीं हुई, इसलिए सर्वदा असंतुष्ट रहे। उनका नाम सब जानते हैं। लेकिन क्या वे उनका नाम सही जानते हैं? हमारे फ़ेसबुक पोल का परिणाम तो बताता है कि 78% लोगों का उनका नाम ग़लत मालूम है। क्या है उनका सही नाम, जानने के लिए आगे पढ़ें।
महाराष्ट्र के एक नेता हैं देवेंद्र फड़नवीस। उनके सरनेम का उच्चारण दो तरह से हो सकता है और होता भी है – फड़+नवीस और फड़न+वीस। आप क्या बोलते हैं? और जो बोलते हैं, क्या सही है या ग़लत, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।