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EC31: अंग्रेज़ी में कहता है ‘Q’, आइ लव़ ‘U’

अंग्रेज़ी वर्णमाला का सत्रहवाँ लेटर Q U से इतना प्यार करता है कि उसके बिना एक पल भी रह नहीं पाता। ऐसा वह क्यों करता है? क्या इसलिए कि Q (क्यू) के नाम में ही U (यू) है और आप U (यू) के बिना Q का उच्चारण ही नहीं कर सकते? पता नहीं। लेकिन इतना तय है कि Q कहीं भी U के बग़ैर नहीं आता-जाता। U का मामला और है, उसके रिश्ते औरों के साथ भी चलते रहते हैं। लेकिन Q ने तो बस U का साथ थामा तो हमेशा के लिए थामा। 

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EC30 : DGPK चुप हो जाएँ N से पहले, N चुप हो जाए…

इस क्लास की शुरुआत मैं एक ऐसे शब्द से कर रहा हूँ जो अंग्रेज़ी के हर विद्यार्थी को परेशान करता है। वह शब्द है Pneu.mo.nia। इसका उच्चारण होता है न्यूमोनिया यानी P साइलंट है। दूसरे, इसकी स्पेलिंग ऐसी टेढ़ी-मेढ़ी है कि अच्छे से अच्छे को ‘सरघूमोनिया’ हो जाए… माने सर घूमने लग जाए। इस Pneumonia के बहाने आज हम बात करेंगे P, N और M की कि कहाँ-कहाँ ये साइलंट होते हैं या दूसरे को साइलंट करते हैं।

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EC29 : 400 साल पहले J ने बदल दिया ईसा का नाम

आज हम एक ही क्लास में तीन लेटर्ज़ जो Jammu, Kashmir और Ladakh के आरंभ में हैं, उनकी बात करेंगे। ये तीनों वैसे तो बहुत सामान्य लगते हैं लेकिन तीनों की अलग-अलग विशेषताएँ हैं। J को हम आज ‘ज’ की ध्वनि के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन शुरू में इसका उच्चारण ‘य’ होता था। उधर K और L का उच्चारण हमेशा से ‘क’ और ‘ल’ रहा है लेकिन K शब्द के शुरू में और L शब्द के बीच में हो तो कई बार साइलंट हो जाता है। कब और क्यों होता है ऐसा, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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EC28: लखनऊ का ‘ख’, ढाका का ‘ढ’ खा गए अंग्रेज़

उत्तर प्रदेश की राजधानी का नाम है लखनऊ लेकिन अंग्रेज़ी में उसे लिखते हैं Luck.now (लकनाउ)। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? वे इसे Lakh.nau भी लिख सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यही काम ढाका के साथ किया। अच्छा-भला नाम है ढाका और उसकी स्पेलिंग कर दी — Dac.ca। ऐसा लगता है कि इस शहर में हर समय डाका ही पड़ता रहता है। मेरठ के साथ भी यही सलूक। लिख सकते थे May.ruth लेकिन स्पेलिंग कर दी Mee.rut। आख़िर ऐसा क्यों? अंग्रेज़ों को क्या समस्या थी ख, ढ और ठ जैसी ध्वनियों से, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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EC27 : जब भूत की तरह ग़ायब हो जाता है H

अंग्रेज़ी का H लेटर मुझे बेहद पसंद है। मेरे पिताजी ने बताया था कि जब मैं A-B-C-D सीख रहा था तो सारे पन्ने पर H-H बना दिया करता था। शायद यह मुझे बहुत आसान लगता होगा क्योंकि इसमें दो सीधी लाइनें ही खींचनी थी और बीच में एक आड़ी लाइन डाल देनी थी। बाद के दिनों में मुझे H इसलिए अच्छा लगने लगा कि इससे Home बनता है। Home यानी घर। घर जिसमें परिवार रहता है। सुकून और प्यार रहता है।

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