पहले से आगाह कर दूँ कि इस क्लास में आपको कोई साफ़-साफ़ जवाब नहीं मिलेगा कि ‘आई’ और ‘गई’ लिखना सही है या ‘आयी’ और ‘गयी’। लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस क्लास के बाद आपमें से बहुत-से लोगों की परेशानी समाप्त हो जाएगी जो इस सवाल से कई सालों से उलझन में हैं।
आलिम सर की हिंदी क्लास यानी हिंदी शब्दों और व्याकरण से जुड़ी दुविधाओं का आसान भाषा में समाधान।
पहले से आगाह कर दूँ कि इस क्लास में आपको कोई साफ़-साफ़ जवाब नहीं मिलेगा कि ‘आई’ और ‘गई’ लिखना सही है या ‘आयी’ और ‘गयी’। लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस क्लास के बाद आपमें से बहुत-से लोगों की परेशानी समाप्त हो जाएगी जो इस सवाल से कई सालों से उलझन में हैं।
सवाल उर्दू का शब्द है, अरबी के सुआल से बना है। उर्दू में इसका बहुवचन बनता है सवालात। इसी तरह ख़याल का बहुवचन है ख़यालात। तो क्या हिंदी में सवाल और ख़याल का बहुवचन सवालात और ख़यालात किया जाए या हिंदी के हिसाब से सवाल और ख़याल ही रखा जाए? इस क्लास में इन्हीं मुद्दों का जवाब देने की कोशिश की गई है।
इस क्लास में हम ‘ने, पर, को’ आदि के बारे में बात करेंगे जिन्हें व्याकरण की भाषा में विभक्तियाँ या परसर्ग कहते हैं। कई स्थानों पर इनको कारक चिह्न भी लिखा गया है। आज चर्चा का मुद्दा यह है कि कहाँ इन विभक्तियों या परसर्गों को पिछले शब्द से मिलाकर लिखा जाएगा और कहाँ अलग।
हिंदी में ‘यह’ और ‘ये’ का कहाँ इस्तेमाल करना है, इसपर बहुत भ्रम है। आज की क्लास में हम इसी के बारे में बात करेंगे कि कहाँ ‘यह’ और ‘वह’ का इस्तेमाल करना चाहिए और कहाँ ‘वह’ और ‘वे’ का।
अंग्रेज़ी में बहुवचन बनाते समय संज्ञाओं और सर्वनामों का रूप कुछेक अपवादों को छोड़कर हमेशा बदलता है। लेकिन हिंदी में ऐसा नहीं है। कभी बदलता है, कभी नहीं। आज की क्लास में हम यही जानेंगे कि कब बहुवचन में शब्दों का रूप बदलता है और कब नहीं।