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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

110. जिसे नहीं कोई रोग, वह निरोग है या नीरोग?


जिसके पास धन न हो, उसे निर्धन कहते हैं, जिसे कोई लज्जा न हो, उसे निर्लज्ज कहते हैं, जिसके मन में ममता न हो, उसे निर्मम कहते हैं, जिसे कोई डर न हो, उसे निडर कहते हैं, तो जिसे कोई रोग न हो, उसे क्या कहेंगे – निरोग, नीरोग या निरोगी? जब इसके बारे में एक फ़ेसबुक पोल किया गया तो 80% ने निरोग के पक्ष में वोट दिया। क्या वे सही हैं? जानने के लिए आगे पढ़ें।

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EC15 : ऐश मांगी थी, गर्म राख नहीं मांगी थी

अगर मैं आपसे पूछूँ कि अंग्रेज़ी में AI का उच्चारण क्या होगा तो आपमें से अधिकतर कहेंगे – ऐ। आख़िर हम ऐश्वर्या लिखने के लिए AI ही तो लगाते हैं – AISHwarya। सही है, लेकिन अगर ऐश्वर्या भारत के बजाय इंग्लंड में पैदा हुई होतीं और वहाँ भी उनका यही नाम और नाम का यही उच्चारण होता तो वे अपने नाम की स्पेलिंग लिखतीं – ASHwarya। कारण यह कि अंग्रेज़ी में ऐ के उच्चारण के लिए लिए A लिखा जाता है (Cash=कैश) जबकि AI का इस्तेमाल लंबे ए के उच्चारण के लिए होता है (Pain=पेऽन)। आज की क्लास में हम AI के इसी अंग्रेज़ी उच्चारण के बारे में ही बात करेंगे।

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109. मेरा सरनेम याद रखना, बप्पी ‘लहरी’ मत कहना

हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में बप्पी दा का नाम उन लोगों में लिया जाता है जिन्होंने पश्चिमी धुनों का इस्तेमाल करके कई हिट गाने दिए। लेकिन मुश्किल यह है कि लोग बप्पी दा का नाम ठीक से नहीं जानते। हिंदी के रेडियो जॉकी और नामी साइटों के पत्रकार भी उनका सरनेम ग़लत लिखते हैं। आज की इस क्लास में हम यही जानेंगे कि क्या है बप्पी दा का सरनेम। रुचि हो तो पढ़ें।

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EC14 : संजीव ने किए 9 रूप धारण, OU के भी 9 उच्चारण

70 के दशक में एक मूव़ी आई थी — नया दिन नई रात — जिसमें संजीव कुमार ने 9 अलग-अलग भूमिकाएँ निभाई थीं। संजीव कुमार की तरह ou भी अंग्रेज़ी में 9 भूमिकाएँ निभाता है। आज से क़रीब 600 साल पहले ou का उच्चारण ऊ था लेकिन आज वह अपने 9 रूपों में हम भारतीयों को परेशान करता है जो समझ नहीं पाते कि Courier को कोरिअर बोलें या कुरिअर। कौनसे हैं वे 9 रूप, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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108. स्वामी से बना क्या – साँई, साईं या साँईं?

साँई बाबा, साईं बाबा, साँईं बाबा या साई बाबा? जब मैंने फ़ेसबुक पर एक पोल किया तो 63% वोट दूसरे विकल्प पर पड़े यानी साईं बाबा पर और वे सही हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बाक़ी ग़लत हैं। जिन 12% लोगों ने साँई को सही बताया, वे भी सही हैं। यही नहीं, जिन 20% लोगों ने तीसरे विकल्प यानी साँईं को सही ठहराया था, वे भी मेरे हिसाब से ग़लत नहीं हैं। ये तीनों क्यों सही हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

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