
शोचनीय का क्या अर्थ है – सोचने लायक़ या चिंताजनक? जब मैंने फ़ेसबुक पर इस विषय में पोल किया तो 84% ने ‘चिंताजनक’ के पक्ष में वोट दिया। 16% का ख़्याल था कि शोचनीय का अर्थ है ‘सोचने लायक़’। आपको जानकर हैरत होगी कि शब्दकोशों के अनुसार शोचनीय का अर्थ न ‘चिंताजनक’ है, न ‘सोचने लायक़’। क्या है संस्कृत में शोचनीय का मूल अर्थ, जानने के लिए आगे पढ़ें।
पूज्य, पूजनीय और पूज्यनीय। इनमें से कौनसा शब्द सही है? जवाब है – पहले दो। तीसरा शब्द पूज्यनीय इन पहले दो शब्दों – पूज्य और पूजनीय – के घालमेल से बना है। रोचक यह है कि पूज्य और पूजनीय का एक ही अर्थ है और दोनों एक ही धातु से बने हैं लेकिन अलग-अलग तरीक़े से। वह तरीक़ा क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
बंगाल के विश्वविख्यात फ़िल्म निर्देशक का नाम सत्यजित रे है या सत्यजित राय? जब यह सवाल मैंने फ़ेसबुक पर पूछा तो 61% ने कहा – रे। 39% की राय थी कि उनका सरनेम ‘राय’ है। सही जवाब है – राय। इस ‘राय’ का का ‘रे’ कैसे हुआ, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
लैला के आशिक़ को कौन नहीं जानता? हाँ, उसका असली नाम बहुत से लोग नहीं जानते होंगे। मगर जिस नाम से वह मशहूर है, उसके बारे में भी भ्रम है कि वह कैसे लिखा जाए – मजनू या मजनूँ। इस विषय में फ़ेसबुक पर हुए एक पोल में 62% ने कहा, मजनूँ, 38% ने कहा – मजनू। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।