पिछली दो क्लासों में हमने स्ट्रेस के पहले और दूसरे नियमों की बात की। दूसरे नियम में हमने उन शब्दों के उच्चारण का नियम जाना था जिनमें दो सिल्अबल होते हैं मगर जिनके आगे-पीछे कोई प्रिफ़िक्स या सफ़िक्स नहीं होता। आज हम तीन सिल्अबल वाले ऐसे शब्दों पर बात करेंगे जिनके आगे-पीछे कोई प्रिफ़िक्स या सफ़िक्स नहीं लगा है। इसका नियम भी बहुत आसान है। जानने के लिए आगे पढ़ें।
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उम्मीद है कि स्ट्रेस का पहला नियम आपने जाँच लिया होगा और आपको कुछ ऐसे शब्द मिले होंगे जिनमें स्ट्रेस पहले सिल्अबल पर नहीं था। आज मैं आपको स्ट्रेस का दूसरा नियम बताऊँगा और यह बहुत ही रोचक और आसान है। ध्यान दीजिए कि यह नियम केवल दो सिल्अबल वाले शब्दों में लागू होता है यानी उन शब्दों में जिनमें दो स्वर या स्वर समूह हैं जैसे Pro.test या Con.tent।
आज से स्ट्रेस और सिल्अबल के सात नियमों की क्लास शुरू हो रही है। पहली क्लास है पहले नियम के बारे में। यह उन सभी शब्दों पर लागू होता है जिसमें प्रिफ़िक्स या सफ़िक्स नहीं लगे होते। सो आज की क्लास में हम पहला नियम भी जानेंगे और यह भी कि प्रिफ़िक्स और सफ़िक्स क्या होते हैं। जानने के लिए आगे पढ़ें।
स्ट्रेस और सिल्अबल (शब्दांश) पर अब तक चार क्लासें हो चुकी हैं – EC 44, 45, 46 और 47। आज की इस क्लास में उन चारों क्लासों के निष्कर्ष सात पॉइंटों में बता रहा हूँ। आप इन्हें रिविश्ज़न के तौर पर पढ़ें और यदि कोई बात समझ में नहीं आ रही तो दोबारा पिछली क्लासों में जाएँ क्योंकि जब तक आप इन सात बिंदुओं को नहीं समझेंगे, तब तक आप आगे की क्लासों को भी नहीं समझ पाएँगे।
कई बार ऐसा होता है कि आप अंग्रेज़ी के किसी शब्द के एक हिस्से का उच्चारण जानते हैं लेकिन दूसरे के बारे में डाउट में हैं। मसलन Achieve। इस शब्द के दूसरे हिस्से का उच्चारण ‘चीव़’ है, यह आपको मालूम है, मगर शुरुआती A का उच्चारण क्या होगा – अ या ए – अचीव़ होगा या एचीव़ – यह आपको नहीं मालूम। ऐसे में आपकी मदद करता है हलका-भारी का सिद्धांत। क्या है यह सिद्धांत और कैसे करता है यह A के उच्चारण का पता लगाने में मदद, जानने के लिए आगे पढ़ें।