ऊपर मैंने पॉलिग्राफ़ और पॉलिग्रफ़ी का ज़िक्र किया। जिन पाठकों को मालूम न हो, उनको बता दूँ कि झूठ पकड़ने के लिए अक्सर पुलिस एक मशीन का इस्तेमाल करती है जिसे पॉलिग्राफ़ (पालिग्रैफ़us) या लाइ डिटेक्टर कहते हैं। माना जाता है कि झूठ बोलते समय इंसान की शारीरिक क्रियाओं में कुछ परिवर्तन हो जाता है मसलन उसकी धड़कनें बढ़ जाती हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, साँसें तेज़ हो जाती हैं और पसीना आने लगता है। पॉलिग्राफ़ इन परिवर्तनों को मापता है और इस टेस्ट को कहते हैं पॉलिग्रफ़ी।