चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी ‘उसने कहा था’ में लहना सिंह को आजीवन याद रहता है कि किशोरावस्था में वह जिस लड़की को ‘तेरी कुड़माई हो गई’ कहकर छेड़ा करता था, उसने सालों बाद मिलने पर क्या वचन माँगा था। लहना सिंह अपनी जान देकर भी उस वचन को निभाता है। मेरी किशोरावस्था में भी ‘उसने कहा था’ वाला क्षण आया था। लेकिन उसने मुझसे कोई वचन नहीं माँगा था बल्कि बहुत ही शिकायती लहजे में कहा था – तुम तो बहुत गिरे हुए निकले, नीरेंद्र। बरसों-बरस कैसे मैं इस कलंक को ढोता रहा और फिर कैसे उसी लड़की की बदौलत इस कलंक से मुक्त हुआ, इसकी रोचक दास्तान आज के ब्लॉग में है। रुचि हो तो पढ़ें।