‘चौदहवीं का चाँद’, ‘संगम’, ‘एक बार मुस्कुरा दो’, ‘सागर’ और ‘चाँदनी’ जैसी ढेरों फ़िल्में हिंदी में बनी हैं जिनमें दो दोस्त एक ही लड़की से प्यार करते हैं। कहानी की ज़रूरत के अनुसार उन दोनों में से एक को अपने प्यार की और अक्सर अपनी जान की भी क़ुर्बानी देनी पड़ती है। सालों पहले मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था हालाँकि हिंदी फ़िल्मों के उलट हम दो दोस्तों में से किसी को अपने प्राणों की आहुति नहीं देनी पड़ी थी। हमारे क़िस्से की नायिका भी दोनों में से किसी को नहीं मिली।