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क्लास 6 – क्या आपको भी समस्या है की-कि की?

आज की क्लास छोटी है लेकिन मामला छोटा नहीं है ख़ासकर उन लोगों के लिए जो ‘कि’ और ‘की’ की दुविधा से परेशान हैं। मैंने इसके तीन उपाय बताए हैं जिनमें एक व्याकरण का, दूसरा अंग्रेज़ी का और तीसरा जुगाड़ का है। जिसको जो उपाय समझ में आए, अपना ले।

कई वेबसाइटों और फ़ेसबुक पर मैंने युवा पत्रकारों और लेखकों को ‘कि’ की जगह ‘की’ लिखते देखा है (देखें चित्र)। अपने करिअर में भी चयन प्रक्रिया के दौरान ऐसे कई उम्मीदवारों को देखा है जो लिखित परीक्षा के दौरान ‘कि’ की जगह ‘की’ लिख देते थे और ‘की’ के बजाय ‘कि’। बाद में कॉपी दिखाते समय जब वे इस समस्या का समाधान पूछते थे तो मैं बता नहीं पाता था। हाल के वर्षों में मैंने इस सवाल पर विचार किया और समझाने के तीन तरीक़े तलाश किए।

पहला उनके लिए जो व्याकरण की बारीक़ियों को समझते हैं। दूसरा उनके लिए जो व्याकरण की बारीक़ियाँ नहीं समझते लेकिन जिनकी अंग्रेज़ी अच्छी है, और तीसरा उनके लिए जिनको न व्याकरण का फ़ंडा समझ में आता है, न ही अंग्रेज़ी के उस्ताद हैं। उनके लिए पेश है शाहरुख़ ख़ान की स्टाइल में कि-कि-कि का जु-जु-जुगाड़ू तरीक़ा। आपको जो तरीक़ा आसान और समझ में आने वाला लगे, उसे ही अपना लें।

व्याकरण का तरीक़ा

पहला तरीक़ा व्याकरण का है। ‘कि’ दो वाक्यों या वाक्यांशों को जोड़ता है, ‘की’ दो शब्दों को। जैसे एक वाक्य लें जिसमें दोनों शब्द हैं – मैं जानता था ‘कि’ वह अपने पिता ‘की’ बात नहीं मानेगा। यहाँ ‘मैं जानता था’ एक वाक्य है और ‘वह अपने पिता की बात नहीं मानेगा’ दूसरा वाक्य है। ‘कि’ दो वाक्यों को जोड़ रहा है जबकि ‘की’ दो शब्दों ‘पिता’ और ‘बात’ को जोड़ रहा है।

कुछ और उदाहरण लें।

  • रमेश ने कहा ‘कि’ मैं आज देर से लौटूँगा। यहाँ ‘कि’ शब्द ‘रमेश ने कहा’ को ‘मैं देर से लौटूँगा’ उपवाक्य से जोड़ रहा है।
  • यह टैगोर ‘की’ कविता है। यहां ‘की’ ‘टैगोर’ को ‘कविता’ से जोड़ रहा है। टैगोर और कविता दो शब्द हैं, वाक्य नहीं। इसलिए यहाँ ‘की’ होगा।

अंग्रेज़ी का तरीक़ा

अगर आपकी अंग्रेज़ी ठीकठाक है तो आप यूँ समझ लें कि जहाँ THAT का अर्थ हो, वहाँ ‘कि’ लगेगा; बाक़ी मामलों में ‘की’ लगेगा। कुछ उदाहरण देखें।

  • रमेश ने कहा (कि/की) मैं आज देर से लौटूँगा। Ramesh said that he would be late that day. यहाँ ‘कि’ होगा।
  • वह नहीं जानता था (कि/की) सफ़र इतना मुश्किल भरा होगा। He didn’t know that the journey would be so difficult. यहाँ भी ‘कि’ होगा।
  • यह टैगोर (कि/की) कविता है। This is Tagore’s poem. यहाँ that नहीं है, यहाँ ‘की’ होगा।
  • लेकिन वह अक़बर (कि/की) घड़ी है। That is Akbar’s watch. यहाँ That को देखकर ‘कि’ न लिखें (अक़बर कि घड़ी) क्योंकि यहाँ (i) That दो वाक्यों को नहीं जोड़ रहा और (ii) उसका मतलब ‘वह’ है।

यानी THAT का नियम आज़माने के लिए यह ज़रूरी है कि वह कि/की की जगह आए और वाक्य में उसका अर्थ ‘वह’ न हो।

जुगाड़ का तरीक़ा

एक तीसरा नियम भी है जो कि बहुत ही धाँसू है हालाँकि व्याकरण की दृष्टि से सही नहीं है लेकिन हमें तो समझने से मतलब है। यह उनके लिए है जिनकी अंग्रेज़ी उतनी अच्छी नहीं कि that आदि समझ सकें।

जुगाड़ू नियम यह कि आप जहाँ कि/की लगाने जा रहे हैं, वहाँ का लगाकर देखिए – यदि वाक्य बनता हो और जमता हो (भले ही लिंग के हिसाब से ग़लत हो) तो निस्संकोच ‘की’ लगाइए। यदि वाक्य न जमता हो तो ‘कि’ लगाइए।

आइए, ऊपर के ही वाक्यों को इस जुगाड़ू नियम से परखते हैं।

  • रमेश ने कहा (कि/की) मैं आज देर से लौटूँगा।

बदलकर देखिए — रमेश ने कहा का मैं आज देर से लौटूँगा। नहीं जमा। यहाँ ‘कि’ लगा दें।

  • यह टैगोर (कि/की) कविता है।

बदलकर लिखिए – यह टैगोर का कविता है। चलिए, लिंग की गड़बड़ी है मगर बात तो समझ में आ रही है। कुछ लोग ऐसा बोलते भी हैं। यहाँ ‘की’ लगा दें।

इसे और अच्छी तरह समझना है तो यूँ करें कि जहाँ आप कि/की लगाने जा रहे हैं, उसके आसपास के शब्द का लिंग बदलकर और ‘कि/की’ की जगह ‘का’ लगाकर देखें। यदि वाक्य सही लग रहा है तो ‘की’ लगा दें वरना ‘कि’ लगाएँ।

यह टैगोर कि/की कविता है। कविता (स्त्रीलिंग) को उपन्यास (पुल्लिंग) कर देते हैं और ‘कि/की’ की जगह ‘का’ कर देते हैं। यह टैगोर का उपन्यास है। बिल्कुल सही लग रहा है। निष्कर्ष – यहां ‘की’ होगा। ऊपर के वाक्य में लिखें – यह टैगोर की कविता है।

रमेश ने कहा कि/की मैं आज देर से लौटूँगा। रमेश (पुल्लिंग) को रमा (स्त्रीलिंग) कर देते हैं और ‘कि/की’ की जगह ‘का’ कर देते हैं। वाक्य बना – रमा ने कहा का मैं आज देर से लौटूँगी। मामला नहीं जमा। यानी यहाँ ‘कि’ होगा। ऊपर के वाक्य में लिखें – रमेश ने कहा कि मैं आज देर से लौटूँगा।

इस जुगाड़ू नियम में ख़तरा यही है कि कहीं आप लिंग परिवर्तन का प्रयोग करने के चक्कर में असली वाक्य ही ग़लत न लिख दें। लिखना था – ‘रमेश ने कहा कि/की मैं देर से घर लौटूँगा।’ आपने परखने के चक्कर में जो सोचा, वही कॉपी में भी लिख दिया – ‘रमा ने कहा कि मैं आज घर देर से लौटूँगी।’ अब पाठक या टीचर सोचेंगे कि बात तो रमेश की हो रही थी, यह अचानक रमा कहाँ से आ टपकी।

कहने का अर्थ यह कि यह लिंग के उलट-पुलट का प्रयोग दिमाग़ में ही करें, कॉपी में नहीं।

कुछ और शब्दों में भी हमेशा ‘कि’ का इस्तेमाल होता है। इन्हें याद रख लें – हालाँकि, जबकि, क्योंकि, चूँकि, ताकि।

‘कि’ कभी-कभी ‘या’ की जगह भी आता है। जैसे ‘मैंने पूछा कि (that) तुम आज क्लास में जाओगी कि नहीं’। यहाँ दूसरे ‘कि’ की जगह ‘या’ भी लिख सकते हैं और अर्थ वही का वही रहेगा। ‘मैंने पूछा कि (that) तुम आज क्लास में जाओगी या नहीं’।

सबक़ नंबर दो यह कि जहाँ कि/की का अर्थ ‘या’ हो, वहाँ ‘कि’ ही लगाएँ।

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