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15. लता मंगेशकर स्वर ‘सम्राज्ञी’ हैं या स्वर ‘साम्राज्ञी’?

स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर। बचपन से यही पढ़ता आया था और आपने भी यही पढ़ा होगा। लेकिन कुछ साल पहले मालूम हुआ कि सम्राट का स्त्रीलिंग साम्राज्ञी नहीं है। यानी अब तक जो पढ़ा है, सब ग़लत है। तो सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।

सम्राट का स्त्रीलिंग साम्राज्ञी होता है, यह धारणा इतनी व्यापक है कि जब मैंने इसके बारे में फ़ेसबुक पर पोल किया तो वहाँ भी 63% ने साम्राज्ञी को सही बताया। यानी मैं ही नहीं, विशाल बहुमत भी मेरी ही तरह साम्राज्ञी को सही मानता है (देखें चित्र)।

साम्राज्ञी ग़लत है, इसकी जानकारी मुझे पत्रकार-लेखक मित्र प्रियदर्शन से मिली जब इस शब्द पर चर्चा छिड़ने पर उन्होंने मुझे शब्दकोश दिखला दिया। वहाँ सम्राज्ञी ही था (देखें चित्र)।

मैं चूँकि शुरू से सही शब्द लिखने के प्रति बहुत सजग था, सो सोचना शुरू किया कि यह ग़लत शब्द मैंने कहाँ से सीखा होगा। टेक्स्ट बुक में सम्राटों के क़िस्से मिलते हैं – सम्राट अशोक, सम्राट चंद्रगुप्त लेकिन सम्राज्ञियों के नहीं (क्योंकि विश्व में और ख़ासकर भारत में सम्राज्ञियाँ बहुत कम या नहीं हुई हैं) इसलिए पाठ्य पुस्तकों को दोष देना ठीक नहीं होगा। ज़रूर मैंने अख़बारों में यह शब्द पढ़ा होगा। अख़बारों में क्यों? क्योंकि हमारे देश में एक सुविख्यात पार्श्वगायिका हैं जिनका ज़िक्र करते समय हर लेखक उनके नाम से पहले ‘स्वर साम्राज्ञी’ लिखना नहीं भूलता (देखें चित्र)।

वहीं से मैंने भी साम्राज्ञी सीखा और संभवतः आपमें से कई लोगों ने भी। और चूँकि हर व्यक्ति यही लिख रहा होता है इसलिए हमें कभी शक भी नहीं होता कि हमारी जानकारी ग़लत हो सकती है और शब्दकोश से चेक किया जाए। कभी ख़ुशक़िस्मती से कोई जानकार मिल गया (जैसा कि मेरे साथ हुआ) और उसके सामने चर्चा चल पड़ी तो हमें सही शब्द का पता चलता है।

एक सवाल मेरे दिमाग़ में शुरू से था कि सम्राट का स्त्रीलिंग साम्राज्ञी (जानकारी के बाद सम्राज्ञी) क्यों होता है, सम्राटी या सम्राटिन क्यों नहीं होता। मैंने खोजा तो पाया कि सम्राट मूल शब्द नहीं है। मूल शब्द है सम्राज् और उसी से ही बना है सम्राट् (देखें चित्र)।

तो हुआ यह होगा कि सम्राज् तो बदलकर सम्राट् हो गया और हिंदी में वही चल निकला मगर सम्राज्ञी शब्द में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। इसलिए हिंदी में हैं सम्राट और सम्राज्ञी।

आपमें से कुछ लोग शायद जानते हों, ज्ञ का उच्चारण आज भले ही ग्य (या ग्यँ) जैसा हो, आरंभ में यह ज्+ञ (शायद ज्यँ की तरह) ही था। यानी सम्राज्ञी का उच्चारण तब सम्राज्यीं या सम्राज्नी जैसा कुछ रहा होगा। सम्राज् और सम्राज्ञी की तरह राजा (राजन्) का स्त्रीलिंग रूप रानी भी राज्ञी (उच्चारण – राज्यीं या राज्नी) से बना है (देखें चित्र)।

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