यह क्लास आपको बताएगी कि एकारांत यानी ‘ए’ से अंत होनेवाले शब्दों में कब बिंदी का प्रयोग होता है और कब नहीं। जैसे मुक़दमा का जब बहुवचन बनाते हैं तो वह मुक़दमे ही रहता है) लेकिन क़सम का बहुवचन बनाने पर क़समें हो जाता है। जानिए, इसका आसान-सा नियम।
आलिम सर की हिंदी क्लास यानी हिंदी शब्दों और व्याकरण से जुड़ी दुविधाओं का आसान भाषा में समाधान।
यह क्लास आपको बताएगी कि एकारांत यानी ‘ए’ से अंत होनेवाले शब्दों में कब बिंदी का प्रयोग होता है और कब नहीं। जैसे मुक़दमा का जब बहुवचन बनाते हैं तो वह मुक़दमे ही रहता है) लेकिन क़सम का बहुवचन बनाने पर क़समें हो जाता है। जानिए, इसका आसान-सा नियम।
आपने देखा होगा कि ‘आ’ से अंत होनेवाले शब्दों के बाद कारक चिह्न जैसे ने, को, का, पर, से आदि आते हैं तो शब्द के अंत में लगा आ, ए में बदल जाता है। जैसे घोड़े पर सवार, रास्ते में मिला, झंडे का रंग आदि। लेकिन सीमा पर लड़ाई में सीमा सीमे नहीं होता। देवता की पूजा में देवते की पूजा नहीं होता। कब आ का ए होता है और कब नहीं होता, यही जानेंगे हम इस क्लास में।