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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

124. ‘शाप’ से श्राप बना या ‘श्राप’ से शाप?

श्राप और शाप – इन दोनों का एक ही मतलब है। ‘श्राप’ संस्कृत का है और ‘शाप’ हिंदी का – कुछ साल पहले तक मैं यही समझता था। मैं ही नहीं, एक फ़ेसबुक पोल के अनुसार क़रीब 40% हिंदीभाषी यही समझते हैं। लेकिन सच्चाई क्या है? शाप से श्राप बना है या श्राप से शाप, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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EC29 : 400 साल पहले J ने बदल दिया ईसा का नाम

आज हम एक ही क्लास में तीन लेटर्ज़ जो Jammu, Kashmir और Ladakh के आरंभ में हैं, उनकी बात करेंगे। ये तीनों वैसे तो बहुत सामान्य लगते हैं लेकिन तीनों की अलग-अलग विशेषताएँ हैं। J को हम आज ‘ज’ की ध्वनि के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन शुरू में इसका उच्चारण ‘य’ होता था। उधर K और L का उच्चारण हमेशा से ‘क’ और ‘ल’ रहा है लेकिन K शब्द के शुरू में और L शब्द के बीच में हो तो कई बार साइलंट हो जाता है। कब और क्यों होता है ऐसा, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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123. बहुउद्देश्यीय, बहुउद्देशीय, बहुद्देशीय… क्या है सही?

हिंदी के कुछ शब्द ऐसे हैं जो अंग्रेज़ी शब्दों के अनुवाद के उद्देश्य से बनाए गए हैं। ऐसा ही एक शब्द Multipurpose के लिए बनाया गया है। लेकिन उस शब्द केअलग-अलग रूप चलते हैं। बहुउद्देश्यी, बहुउद्देशी, बहुद्देश्यी और बहुद्देशी। इनमें से कौनसा सही है और कौनसा ग़लत, इसपर विवाद है। कुछ लोग कहते हैं कि ये सारे-के-सारे ग़लत हैं। क्या है सारा मामला, इसके बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।

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EC28: लखनऊ का ‘ख’, ढाका का ‘ढ’ खा गए अंग्रेज़

उत्तर प्रदेश की राजधानी का नाम है लखनऊ लेकिन अंग्रेज़ी में उसे लिखते हैं Luck.now (लकनाउ)। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? वे इसे Lakh.nau भी लिख सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यही काम ढाका के साथ किया। अच्छा-भला नाम है ढाका और उसकी स्पेलिंग कर दी — Dac.ca। ऐसा लगता है कि इस शहर में हर समय डाका ही पड़ता रहता है। मेरठ के साथ भी यही सलूक। लिख सकते थे May.ruth लेकिन स्पेलिंग कर दी Mee.rut। आख़िर ऐसा क्यों? अंग्रेज़ों को क्या समस्या थी ख, ढ और ठ जैसी ध्वनियों से, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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122. बाढ़ की ‘संभावनाएँ’ सामने हैं – सही या ग़लत?

कुछ दिनों पहले मैंने एक ट्वीट देखा जिसमें हिंदी के एक सीनियर पत्रकार ने इस बात पर चिंता जताई थी कि नई पीढ़ी संभावना और आशंका के अंतर को नहीं समझती और करोना की तीसरी लहर या बादल फटने से बाढ़ आने के मामले में भी संभावना लिख रही है। इस ट्वीट को 30 लोगों ने रीट्वीट किया था और क़रीब 300 लोगों ने लाइक किया था। क्या उस पत्रकार की चिंता जायज़ थी? क्या वाक़ई बाढ़ आने की संभावना लिखना ग़लत है? जानने के लिए आगे पढ़ें।

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