आज से स्ट्रेस और सिल्अबल के सात नियमों की क्लास शुरू हो रही है। पहली क्लास है पहले नियम के बारे में। यह उन सभी शब्दों पर लागू होता है जिसमें प्रिफ़िक्स या सफ़िक्स नहीं लगे होते। सो आज की क्लास में हम पहला नियम भी जानेंगे और यह भी कि प्रिफ़िक्स और सफ़िक्स क्या होते हैं। जानने के लिए आगे पढ़ें।
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स्ट्रेस और सिल्अबल (शब्दांश) पर अब तक चार क्लासें हो चुकी हैं – EC 44, 45, 46 और 47। आज की इस क्लास में उन चारों क्लासों के निष्कर्ष सात पॉइंटों में बता रहा हूँ। आप इन्हें रिविश्ज़न के तौर पर पढ़ें और यदि कोई बात समझ में नहीं आ रही तो दोबारा पिछली क्लासों में जाएँ क्योंकि जब तक आप इन सात बिंदुओं को नहीं समझेंगे, तब तक आप आगे की क्लासों को भी नहीं समझ पाएँगे।
कई बार ऐसा होता है कि आप अंग्रेज़ी के किसी शब्द के एक हिस्से का उच्चारण जानते हैं लेकिन दूसरे के बारे में डाउट में हैं। मसलन Achieve। इस शब्द के दूसरे हिस्से का उच्चारण ‘चीव़’ है, यह आपको मालूम है, मगर शुरुआती A का उच्चारण क्या होगा – अ या ए – अचीव़ होगा या एचीव़ – यह आपको नहीं मालूम। ऐसे में आपकी मदद करता है हलका-भारी का सिद्धांत। क्या है यह सिद्धांत और कैसे करता है यह A के उच्चारण का पता लगाने में मदद, जानने के लिए आगे पढ़ें।
पिछली क्लास में हमने जाना कि Man.age.ment का उच्चारण मैनेजमेंट नहीं, मैनिजमॅन्ट होता है। यानी जिस Ment का Men.tal में मेंट उच्चारण होता है, उसी का उच्चारण Man.age.ment में मॅन्ट हो गया। और यह इसलिए कि Men.tal में वह उस सिल्ॲबॅल (शब्दांश) का हिस्सा है जिसपर स्ट्रेस है और Man.age.ment में वह उस सिल्ॲबॅल का हिस्सा है जिसपर स्ट्रेस नहीं है। यानी किसी सिल्ॲबॅल में मौजूद व़ावल का उच्चारण इस बात पर निर्भर करता है कि वह स्ट्रेस वाले सिल्ॲबॅल का हिस्सा है या नहीं।
पुरानी फ़िल्म ‘नसीब अपना-अपना’ आपने देखी होगी। इसमें ऋषि कपूर ने एक ऐसे बेटे का रोल निभाया है जिसकी अपने पिता अमरीश पुरी के सामने बोलती बंद हो जाती है। शब्दों में भी ऐसा ही होता है। जैसा कि पिछली क्लास में हमने जाना, दो से ज़्यादा सिल्ॲबॅल वाले शब्दों में कोई एक सिल्ॲबॅल होता है जिसपर ज़्यादा ज़ोर यानी स्ट्रेस दिया जाता है। इसे अमरीश पुरी समझें। इस अमरीश पुरी के सामने उसके दाएँ या बाएँ वाले सिल्ॲबॅल ऋषि कपूर बन जाते हैं और अपनी वास्तविक बोली भूलकर मिमियाने लगते हैं। अब मिमियाने का असर क्या होता है, यह हम नीचे कुछ उदाहरणों से समझेंगे।