पुरानी फ़िल्म ‘नसीब अपना-अपना’ आपने देखी होगी। इसमें ऋषि कपूर ने एक ऐसे बेटे का रोल निभाया है जिसकी अपने पिता अमरीश पुरी के सामने बोलती बंद हो जाती है। शब्दों में भी ऐसा ही होता है। जैसा कि पिछली क्लास में हमने जाना, दो से ज़्यादा सिल्ॲबॅल वाले शब्दों में कोई एक सिल्ॲबॅल होता है जिसपर ज़्यादा ज़ोर यानी स्ट्रेस दिया जाता है। इसे अमरीश पुरी समझें। इस अमरीश पुरी के सामने उसके दाएँ या बाएँ वाले सिल्ॲबॅल ऋषि कपूर बन जाते हैं और अपनी वास्तविक बोली भूलकर मिमियाने लगते हैं। अब मिमियाने का असर क्या होता है, यह हम नीचे कुछ उदाहरणों से समझेंगे।