किसी पूजा में देवताओं को जो दूध, जल, फूल आदि का मिश्रण चढ़ाया जाता है, उसे क्या कहते हैं – अर्घ या अर्घ्य? जब इस सवाल को फ़ेसबुक पर रखा गया तो 80% के विशाल बहुमत ने अर्घ्य के पक्ष में मतदान किया। अर्घ के पक्ष में केवल 17% थे। क्या बहुमत की राय सही है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
अर्घ और अर्घ्य में कौनसा शब्द सही है? क्या अर्घ सही है जिसके पक्ष में 80% ने राय दी या अर्घ सही है जिसके समर्थक केवल 17% थे? या शेष बचे 3% सही हैं जिनके मुताबिक दोनों शब्द सही हैं?
जी हाँ, अर्घ या अर्घ्य को सही बताने वाले केवल आंशिक सही हैं। पूरे सही ये 3% ही हैं क्योंकि संस्कृत के शब्दकोशों के अनुसार अर्घ और अर्घ्य दोनों समानार्थी हैं। दोनों का एक ही अर्थ है। लेकिन इनमें भी अर्घ्य के मुक़ाबले अर्घ ज़्यादा सही है। कैसे, यह हम नीचे जानेंगे।
पहले हिंदी शब्दसागर देखते हैं। वहाँ संज्ञा के रूप में अर्घ है, अर्घ्य नहीं। इसमें अर्घ के ये दो प्रमुख अर्थ दिए गए हैं – 1. जल, दूध, कुशाग्र, दही, तंडुल और जव को मिलाकर देवता को अर्पण करना। 2. अर्घ देने का पदार्थ (देखें चित्र)। यानी अर्घ का अर्थ वह पदार्थ भी है जो देवता को अर्पित किया जाता है और अर्घ का मतलब इस पदार्थ को अर्पण करने की क्रिया भी है।
![Argha in Sanskrit](https://aalimsirkiclass.com/wp-content/uploads/2024/02/अर्घ-शब्दसागर-में-संज्ञा-1.jpg)
शब्दसागर में अर्घ्य को विशेषण बताया गया है – पूजा में देने योग्य पदार्थ। इसमें अर्घ्य को संज्ञा नहीं बताया गया है।
![](https://aalimsirkiclass.com/wp-content/uploads/2024/02/शब्दसागर-में-अर्घ्य.png)
इसलिए इस विषय में और अधिक स्पष्टता के लिए मैंने आप्टे का संस्कृत कोश देखा क्योंकि ये दोनों शब्द संस्कृत से ही आए हैं। इस कोश के अनुसार 1. मूल शब्द है अर्घ (अर्घः) और 2. अर्घ्यम् (इसे हिंदी में अर्घ्य ही लिखा जाएगा) का भी वही अर्थ है जो अर्घ का है।
संस्कृत कोश में अर्घ का अर्थ दिया हुआ है – A material of worship, respectful offering or oblation to gods or venerable men, consisting of rice, Durva grass &c. with or without water (पूजा की सामग्री, देवताओं या सम्मान्य व्यक्तियों को सादर आहुति या उपहार)।
![Arghah in Sanskrit Dictionary Apte](https://aalimsirkiclass.com/wp-content/uploads/2024/02/अर्घः-संस्कृत-कोश-में-1024x1015.jpg)
अब अर्घ्यम् का अर्थ देखें – A respectful offering or oblation to a god or venerable person (किसी देवता या सम्मान्य व्यक्ति को सादर आहुति या उपहार)। अंत में ब्रैकिट में यह भी लिखा गया है – see अर्घ (देखें अर्घ)।
![Arghyam in Sanskrtit Dictionary by Apte](https://aalimsirkiclass.com/wp-content/uploads/2024/02/अर्घ्यम्-संस्कृत-कोश-में-1024x971.jpg)
अब इससे अधिक और क्या स्पष्ट होगा कि अर्घ और अर्घ्य का एक ही अर्थ है!
अर्घ्य लिखते समय कुछ लोग इसे ग़लती से अर्ध्य लिख देते हैं यानी ‘घ्’ की जगह ‘ध्’ का प्रयोग कर देते हैं (देखें चित्र)। ऐसा करने से न केवल शब्द का उच्चारण बदल जाता है बल्कि अर्थ भी क्योंकि अर्ध का मतलब आधा होता है।
![Ardhya and Arghya are not synonimous](https://aalimsirkiclass.com/wp-content/uploads/2024/02/अर्घ्य-की-जगह-अर्ध्य.jpg)
छठ हो या कोई भी उत्सव, उसमें किसी देवी-देवता की पूजा की जाती है। लेकिन उस देवी-देवता को पूजनीय कहेंगे या पूज्यनीय। जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट।