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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

139. गुणों में है जो चरम, वह परम् है या परम?

परमेश्वर, परमात्मा, परमार्थ, परमाणु आदि में जो शुरुआती शब्द है, वह क्या है – परम या परम्। आप कहेंगे, इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है। सही है, परमेश्वर या परमात्मा में तो कोई अंतर नहीं पड़ेगा लेकिन जब आप पूज्य या पिता से पहले यह शब्द लगाएँगे तो आपको तय करना होगा कि परम् लिखें या परम। जब मैंने फ़ेसबुक पर यही सवाल किया तो पता चला कि मामला बराबर का है। तक़रीबन आधे परम् को सही बताते हैं, आधे परम को। अब सही क्या है, जानना है तो आगे पढ़ें।

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EC55: नियम 6 – लॉजी में गड़बड़ है भई, पैथी भी गड़बड़

आज स्ट्रेस वाली सीरीज़ में मैं आपको बताने जा रहा हूं -y से समाप्त होनेवाले शब्दों के उच्चारण का फ़ॉर्म्युला जो है नियम 6। ऐसे शब्दों में -y से ‘पहले से पहले’ वाले सिल्अबल (स्वर) पर ज़ोर पड़ेगा यानी वह या तो भारी होगा या भारी की तरह ट्रीट होगा। इस क्लास के बाद आप जान जाएँगे कि  कि Comedy का उच्चारण कॉमेडी के बजाय कॉमिडी क्यों है और Registry को रजिस्ट्री के बजाय रेजिस्ट्री क्यों बोलते हैं।

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EC54: नियम 5, जब उच्चारण में नहीं पड़ती कोई आँच

पिछली क्लास में हमने i और u से शुरू होनेवाले सफ़िक्स के बारे में पढ़ा। आज बाक़ी व़ावल का ग्रूप है, जिसमें a, o, e से शुरू होनेवाले सफ़िक्स जैसे -al, -ous, – er, -ed आते हैं। इसके अलावा i, u ग्रूप के बाग़ी -ist, -ing, -ism और -ly तथा -ment भी इसमें शामिल हो गए हैं। यह बड़ा ही अच्छा ग्रूप है। यह जिनके भी घर जाता है, बस चुपचाप बैठा रहता हैं अच्छे बच्चों की तरह। कुछ उथलपुथल नहीं करता। कहने का मतलब यह कि इनके होने से शब्द के स्ट्रेस पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता। आप मूल शब्द पर जाएँ और उसके अनुसार उच्चारण करें। आइए, इसे कुछ उदाहरणों से समझते हैं।

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EC53: नियम 4b का जादू, मैजिक से बना मजिशन

पिछली क्लास (EC 52) में हमने नियम 4a के तहत जाना था कि -tion और -sion के पहले वाले सिल्अबल पर स्ट्रेस होता है और यह भी देखा था कि इस कारण से कैसे शब्दों का उच्चारण और कभी-कभी स्पेलिंग भी बदल जाती है (Repeat=रिपीट और Repetition=रेपिटिशन)। इस क्लास में हम i और u से शुरू होनेवाले सफ़िक्स के बारे में बात करेंगे। यहाँ भी नियम वही है कि i और u से शुरू होनेवाले सफ़िक्स से पहले वाले सिल्अबल पर स्ट्रेस होता है। मगर कुछ अपवाद भी हैं। क्या हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।

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138. जो चला आ रहा है सालों से, वह ‘रिवाज’ है या ‘रिवाज़’?

1972 में एक मूव़ी आई थी जिसका नाम था ‘रिवाज’। उसके 40 साल बाद एक और मूव़ी आई इसी नाम से मगर आख़िर में ‘ज’ की जगह ‘ज़’ था – यानी ‘रिवाज़’। तो क्या 40 सालों में रिवाज की स्पेलिंग बदलकर रिवाज़ हो गई? या फिर दोनों में से कोई एक स्पेलिंग ग़लत है? कौनसी सही और कौनसी ग़लत है, यह तो शब्दकोश ही बता सकते हैं। मगर यह क्या? वहाँ भी झोल है। उर्दू का शब्दकोश ‘रिवाज’ को सही बताता है तो हिंदी का शब्दकोश ‘रिवाज़’ को। तो क्या उर्दू का ‘रिवाज’ हिंदी में आकर ‘रिवाज़’ हो गया? जानने के लिए आगे पढ़ें।

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