स्ट्रेस पर तीन नियम जानने के बाद आज हम चौथा नियम जानेंगे कि सफ़िक्स कैसे किसी शब्द का उच्चारण तय करते हैं। सफ़िक्स यानी वे दुमछल्ले जो शब्द के पीछे लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं। जैसे Art (कला) के अंत में -ist लगाया तो हो गया Art.ist (कलाकार)। इसी तरह Farm (खेत) के अंत में -er लगाया तो हो गया Farm.er (किसान)। यहाँ -ist और -er सफ़िक्स (प्रत्यय) हैं। इन्हीं की तरह -sion और -tion भी सफ़िक्स हैं, जिनके बारे में आज हम चर्चा करेंगे कि कैसे वे शब्द के उच्चारण पर असर डालते हैं।
पिछली दो क्लासों में हमने स्ट्रेस के पहले और दूसरे नियमों की बात की। दूसरे नियम में हमने उन शब्दों के उच्चारण का नियम जाना था जिनमें दो सिल्अबल होते हैं मगर जिनके आगे-पीछे कोई प्रिफ़िक्स या सफ़िक्स नहीं होता। आज हम तीन सिल्अबल वाले ऐसे शब्दों पर बात करेंगे जिनके आगे-पीछे कोई प्रिफ़िक्स या सफ़िक्स नहीं लगा है। इसका नियम भी बहुत आसान है। जानने के लिए आगे पढ़ें।
उम्मीद है कि स्ट्रेस का पहला नियम आपने जाँच लिया होगा और आपको कुछ ऐसे शब्द मिले होंगे जिनमें स्ट्रेस पहले सिल्अबल पर नहीं था। आज मैं आपको स्ट्रेस का दूसरा नियम बताऊँगा और यह बहुत ही रोचक और आसान है। ध्यान दीजिए कि यह नियम केवल दो सिल्अबल वाले शब्दों में लागू होता है यानी उन शब्दों में जिनमें दो स्वर या स्वर समूह हैं जैसे Pro.test या Con.tent।
अंग्रेज़ी के शब्दों या नामों का हम हिंदीभाषी ग़लत उच्चारण करें तो समझ में आता है क्योंकि अंग्रेज़ी के स्वरों – A, E, I, O और U के कई-कई उच्चारण होते हैं। लेकिन यदि हिंदी या संस्कृत के नामों का हिंदीभाषी ग़लत उच्चारण करें, ग़लत स्पेलिंग लिखें तो यह हैरत वाली बात है। मगर ऐसा है। जब मैंने दीपांकर और दीपंकर पर पोल किया तो बहुमत ने ग़लत स्पेलिंग के पक्ष में राय दी। क्या है सही शब्द और उसका अर्थ क्या है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
आज से स्ट्रेस और सिल्अबल के सात नियमों की क्लास शुरू हो रही है। पहली क्लास है पहले नियम के बारे में। यह उन सभी शब्दों पर लागू होता है जिसमें प्रिफ़िक्स या सफ़िक्स नहीं लगे होते। सो आज की क्लास में हम पहला नियम भी जानेंगे और यह भी कि प्रिफ़िक्स और सफ़िक्स क्या होते हैं। जानने के लिए आगे पढ़ें।