मुहम्मद रफ़ी के वह मशहूर गीत आपने ज़रूर सुना होगा – जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा। इस गीत के शुरू में यह गुरुस्तुति है – गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवै नमः। इसमें अंत में जो नमः है, रफ़ी साहब ने उसका उच्चारण नम्ह (नम्+ह) की तरह किया है जबकि कई लोग इसे नमह्(न+मह्) बोलते हैं। आख़िर क्या बोलना सही है – नम्ह या नमह? आइए, जानते हैं।
हेडिंग से यह मतलब मत निकालिए कि मैं अपनी कंपनी की बात कर रहा हूँ और वहाँ से मुझे जो वेतन मिल रहा है, उसकी शिकायत कर रहा हूँ। जी नहीं, मैं तो Com.pa.ny और Sal.a.ry के प्रचलित उच्चारणों की बात कर रहा हूँ। एक को हम कंपनी बोलते हैं, दूसरे को सैलेरी। कंपनी तो उच्चारण की दृष्टि से ठीक है लेकिन सैलेरी बोलना ग़लत है। क्यों, यह आगे जानते हैं और सीखते हैं कि जिन शब्दों के अंत में a*y का पैटर्न हो, वहाँ उच्चारण का कौनसा नियम चलता है।
अंग्रेज़ी का एक शब्द है Age जिसका मतलब है उम्र। लेकिन कई शब्दों में यह शब्द के अंत में आता है जैसे Pack.age, Man.age आदि। अधिकतर लोगों को लगता है कि जब स्पेलिंग एक है तो इन शब्दों में भी -age का उच्चारण एज ही होता होगा। लेकिन ऐसा है नहीं। जब -age किसी शब्द के अंत में होता है तो उसके तीन उच्चारण होते हैं जिनमें से एक उच्चारण है -इज। कब और कहाँ -age का उच्चारण -इज होता है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
अंग्रेज़ी से बहुत सारे शब्द हिंदी में आए हैं जैसे पुलिस, राशन, रिज़र्वेशन आदि। लेकिन जब ये शब्द हिंदी में आए तो उनका उच्चारण बदल गया। जैसे Po.lice का सही उच्चारण है पलीस, हम बोलते हैं पुलिस। Ra.tion का सही उच्चारण है रैशन, हम बोलते हैं राशन। इसी तरह Res.er.va.tion का सही उच्चारण रिज़र्वेशन नहीं, रेज़्अवे़ऽशन या रेज़र्वेऽशनus है। आप जब हिंदी में बात करते हैं, तब तो पुलिस, राशन और रिज़र्वेशन बोलना सही है मगर यदि कहीं अंग्रेज़ी में बात करनी हो तो उनका सही उच्चारण करें। आज की क्लास में हम Res.er.va.tion वाले Re से शुरू होने वाले शब्दों के उच्चारण का नियम जानेंगे।
हम सब जानते हैं कि क़लम स्त्रीलिंग है – मेरी क़लम, न कि मेरा क़लम, नीली क़लम, न कि नीला क़लम। लेकिन कमाल अमरोही के लिखे मशहूर गीत ‘कहीं एक मासूम, नाज़ुक-सी लड़की’ में एक लाइन है – क़लम हाथ से छूट जाता तो होगा…। अगर क़लम स्त्रीलिंग है तो यहाँ होना चाहिए था – क़लम हाथ से छूट जाती तो होगी…! तो क्या कमाल अमरोही ने इस गीत में भाषाई ग़लती कर दी? एक ऐसी ग़लती जिसपर किसी और का ध्यान नहीं गया। आइए, जानते हैं, मामला क्या है। क़लम स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग?