पिछले दिन पाकिस्तानी टीवी सीरियल देखने के दौरान मैंने पाया कि उनमें बरग़लाना नहीं, वरग़लाना बोला जाता है। सुनकर मैं भी चौंका क्योंकि मैं तो ज़माने से बरग़लाना ही पढ़ता-लिखता-बोलता-सुनता आया हूँ। आख़िर सही शब्द क्या है, यह जानने के लिए मैंने हिंदी, उर्दू और फ़ारसी के शब्दकोश खँगाले और उनसे जो पता चला, वह बहुत ही रोचक है। जानने में रुचि हो तो आगे पढ़ें।
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अगर आपने अमिताभ बच्चान की ‘लावारिस’ फ़िल्म देखी होगी तो आप जानते होंगे कि इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन ने एक ऐसे बेटे की भूमिका की थी जिसे उसके पिता अमजद ख़ान ने गर्भ में ही मार डालने की साज़िश की थी और जन्म के बाद कई सालों तक उसे अपने पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इस नाते ‘लावारिस’ का अर्थ निकलता है ‘अनाथ’ या ‘परित्यक्त’। लेकिन शब्दकोश लावारिस (ला+वारिस) का कुछ और अर्थ बताते हैं – वह जिसका कोई वारिस न हो। सही क्या है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
‘ताज़ा’ सब्ज़ियाँ सही है या ‘ताज़ी’ सब्ज़ियाँ? अगर आप उन लोगों में हैं जो ताज़ी सब्ज़ियाँ को सही मानते हैं तो मेरे अगले सवाल का जवाब भी दीजिए। ‘ताज़ा’ ख़बर या ‘ताज़ी’ ख़बर? कन्फ़्यूज़ हो गए ना? बात सच मगर अनोखी है। ताज़ी सब्ज़ियाँ बोलने वाले लोग भी ख़बर के मामले में ताज़ा कर देते हैं जबकि दोनों स्त्रीलिंग शब्द हैं। ऐसा क्यों, जानने के लिए आगे पढ़ें।
लूडो या साँप-सीढ़ी के खेल में हम जो छह-मुखी चीज़ उछालते हैं, उसे अंग्रेज़ी में dice कहा जाता है। लेकिन हिंदी में उसे क्या कहा जाता है? पासा या पाँसा? और फिर उससे जो मुहावरा बना है, वह पासा पलटना है या पाँसा पलटना? आज की चर्चा इसी पर। रुचि हो तो पढ़ें।
कुछ लोग मुक़दमा बोलते हैं तो कुछ मुक़द्दमा। इसी तरह कुछ लोगों को रद बोलना सही लगता है तो कुछ को रद्द। हद और हद्द के मामले में भी यही दुविधा है। इन सिंगल और डबल ‘द’ की समस्या सभी के सामने आती है। आज हम इसी पर चर्चा करेंगे कि इन तमाम शब्दों में कौनसा रूप सही है। रुचि हो तो पढ़ें।