हम सब जानते हैं कि क़लम स्त्रीलिंग है – मेरी क़लम, न कि मेरा क़लम, नीली क़लम, न कि नीला क़लम। लेकिन कमाल अमरोही के लिखे मशहूर गीत ‘कहीं एक मासूम, नाज़ुक-सी लड़की’ में एक लाइन है – क़लम हाथ से छूट जाता तो होगा…। अगर क़लम स्त्रीलिंग है तो यहाँ होना चाहिए था – क़लम हाथ से छूट जाती तो होगी…! तो क्या कमाल अमरोही ने इस गीत में भाषाई ग़लती कर दी? एक ऐसी ग़लती जिसपर किसी और का ध्यान नहीं गया। आइए, जानते हैं, मामला क्या है। क़लम स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग?
Author: आलिम सर
इस क्लास में हम Cou- की बात करेंगे। Cou के इतने उच्चारण हैं कि लोग कन्फ़्यूज़ कर जाते हैं कि क बोलें या कॉ, कु और कू बोलें या काउ। नतीजा यह कि आपके घर या दफ़्तर में जो चिट्ठी बाँटने आता है, वह कुरियर, कूरियर और कोरियर तीनों उच्चारणों से जाना जाता है। इसमें ग़लती किसी की भी नहीं है। अब Count बोला जाता है काउंट; उसके बाद -y जोड़ें तो होता है काउंटी लेकिन -ry जोड़ दें तो और उसका उच्चारण काउंट्री नहीं, कंट्री हो जाता है। आइए, आज जानते हैं कि क्या Cou के उच्चारण का भी कोई नियम है।
अंग्रेज़ी की ध्वनियों और स्ट्रेस के सात नियम जानने के बाद हम इस सीरीज़ के अंतिम खंड में कुछ कॉमन प्रिफ़िक्स और सफ़िक्स के उच्चारण पर बात करेंगे। चूँकि हम इस क़िताब में इंग्लिश के Pro.nun.ci.a.tion की Prob.lem का हल निकालने की क़ोशिश कर रहे हैं इसलिए यह उचित ही है कि हम सबसे पहले PRO– के बारे में बात करें। हम जानेंगे कि किसी शब्द में Pro का उच्चारण ‘प्र’ होगा और या प्रॉ/ प्रो, यह जानने का क्या कोई तरीक़ा है।
पिछली कुछ क्लासों में हमने अंग्रेज़ी उच्चारण के 6 नियम जाने। आज हम बात करेंगे सातवें और आख़िरी नियम की। इसके साथ ही हम पहले के 6 नियम भी दोहराएँगे। स्ट्रेस का सातवाँ नियम बहुत ही आसान है। यह नियम भी सफ़िक्स पर आधारित है।
परमेश्वर, परमात्मा, परमार्थ, परमाणु आदि में जो शुरुआती शब्द है, वह क्या है – परम या परम्। आप कहेंगे, इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है। सही है, परमेश्वर या परमात्मा में तो कोई अंतर नहीं पड़ेगा लेकिन जब आप पूज्य या पिता से पहले यह शब्द लगाएँगे तो आपको तय करना होगा कि परम् लिखें या परम। जब मैंने फ़ेसबुक पर यही सवाल किया तो पता चला कि मामला बराबर का है। तक़रीबन आधे परम् को सही बताते हैं, आधे परम को। अब सही क्या है, जानना है तो आगे पढ़ें।