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आलिम सर की हिंदी क्लास शुद्ध-अशुद्ध

35. साम्राज्य विस्तार का यज्ञ – अश्वमेघ या अश्वमेध?

प्राचीन ग्रंथों में एक महायज्ञ का उल्लेख है जिसमें घोड़े की प्रधान भूमिका रहती थी। इसीलिए इस यज्ञ के नाम के शुरू में ‘अश्व’ है जिसका अर्थ है घोड़ा। लेकिन अश्व के बाद क्या है, इसपर लोगों में भ्रम है। कुछ लोग इसे अश्वमेध (ध) लिखते हैं, कुछ लोग अश्वमेघ (घ)। सही क्या है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।

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